महेंद्र निषाद तमनार
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता के प्रसार के लिए विभिन्न स्पर्धाओं का आयोजन भी किया गया,ताकि प्रकिती की रक्षा के संकल्प को जन जन तक पहुंचाया जा सके।
विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर हिंडालको कंपनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले वहां के कर्मचारियों के बच्चों के लिए पर्यावरण पर स्लोगन एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया था साथ ही साथ पोस्टर कार्यक्रम अर्थात चित्रकला का भी प्रतियोगिता रखा गया था एवं कोंड़केल के बच्चों द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया गया जिसमें पुनीत पटेल चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम पायदान पर रहे कु.दीपिका सिदार द्वितीय स्थान पर जिन्होंने कार्टून बनाकर ऐसा चित्रकला प्रस्तुत किया जिसे देखते ही यह संदेश आया कि अगर आप पेड़ काटेंगे तो हमें गर्मी का सामना एवं तापमान सहना पड़ेगा इसलिए पेड़ आवश्यक है उनका सुंदर स्लोगन था *वक्त के साथ बदलने का तो पता नहीं पर संभलना शायद ज्यादा जरूरी है पर्यावरण बचे तो प्राण बचे* एवं कु.नंदनी यादव तृतीय स्थान पर रहे जिन्होंने एक ऐसा चित्रकला प्रस्तुत किया जिसे देखते ही यह संदेश आया कि हम इस पर्यावरण को काट या नष्ट कर रहे हैं जिसके सहारे हम जी रहे हैं हम उसी पेड़ का सहारा लेते हैं अर्थात हमारे जीवन में पर्यावरण का अत्यंत ही महत्वपूर्ण सहयोग है उनके चित्रकला में बहुत सुंदर स्लोगन था *ना काम आएगी कोई भी दुआ यदि जल और पेड़ों का नाश हुआ*।
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