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जे.एस.डब्ल्यू. नहरपाली के खिलाफ 12 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम





रायगढ़/बिग ब्रेकिंग



रायगढ़ जिले के नहरपाली में जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। कंपनी की जनविरोधी नीतियों, प्रदूषण, रोजगार में भेदभाव और सीएसआर फंड के दुरुपयोग के विरोध में ग्रामीणों ने 12 अगस्त 2025 से जे.एस.डब्ल्यू. गेट के सामने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन, काम रोको और चक्का जाम का ऐलान किया है। प्रभावित क्षेत्रवासी, जिनमें सिंघनपुर, नहरपाली, कुरूभांठा, सलिहाभांठा, लोढ़ाझर, बिलासपुर, रक्सापाली, तिलाईपाली और भूपदेवपुर के ग्रामीण शामिल हैं, अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर एकजुट होकर महाआंदोलन शुरू करने जा रहे हैं।

सात सूत्रीय मांगें:
1. रोजगार: भू-विस्थापितों को आदर्श भू-अधिग्रहण संहिता के तहत स्थायी रोजगार, रिटायरमेंट और मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी को नौकरी की गारंटी।


2. निष्कासित कर्मचारियों की बहाली: पूर्व में निकाले गए मजदूरों को बिना शर्त काम पर वापस लिया जाए।

3. पुनर्वास: आदर्श पुनर्वास नीति का सख्ती से पालन किया जाए।

4. सीएसआर सुविधाएं: सिंघनपुर, नहरपाली, सलिहाभांठा सहित नौ अंगीकृत गांवों में मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

5. प्रदूषण नियंत्रण: धूल, धुआं और डस्ट से होने वाले प्रदूषण पर प्रभावी रोक लगाई जाए।

6. सड़क अतिक्रमण: कंपनी द्वारा हड़पी गई WBM सड़कों को मुक्त किया जाए।


7. फसल नुकसान मुआवजा: राजस्व अधिकारियों के निरीक्षण के आधार पर फसल नुकसान का उचित सेटलमेंट किया जाए।

ग्रामीणों का आरोप है कि जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी ने भू-अर्जन से प्रभावित लोगों को रोजगार देने, प्रदूषण नियंत्रण और सीएसआर फंड का उपयोग गांवों के विकास के लिए करने जैसे वादों को नजरअंदाज किया है। इसके अलावा, कंपनी पर सड़कों के अतिक्रमण और मजदूरों के उत्पीड़न का भी गंभीर आरोप है।

प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें तत्काल पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस महाआंदोलन में भारी संख्या में ग्रामीणों के शामिल होने की उम्मीद है। स्थानीय प्रशासन और कंपनी प्रबंधन से इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की जा रही है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

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