बालपुर।चंद्रपुर।।जगत व्यापी सृष्टिकर्ता भगवान भोलेनाथ की पवित्र मिलन का उत्सव महाशिवरात्रि पर्व शिव शक्ति के मिलन के रूप में फाल्गुन माह में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इसी दिन देव- दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन करना चाहा तभी समुद्र की गहराइयों से विष का घड़ा प्रकट हुआ जो भगवान शिव ने मानव जाति और देवी देवताओं को बचाने के लिए उसका सेवन किया था।और उसी विष को पीने कारण नीले पड़ गए थे।जिससे ही उनको जगत के उद्धारकर्ता कहा गया ।
जिन्होंने दुनिया का उद्धार किया उनके सम्मान के रूप में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। आपको बता दें बालपुर कलमा में चित्रोत्पला नदी किनारे स्थित शिव मंदिर अत्यधिक प्रिय लगता है। शिवभक्त यहां आकर आनंदित होते हैं जिसका मुख्य कारण नदी के तट पर मंदिर का विराजमान होना है। जो की प्राचीन समय में धरती को चीरकर निकला था।
इसी तारतम्य में प्राचीन शिव मंदिर बालपुर कलमा में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े चाव से मंदिर निर्माणकर्ता तिहारू ईश्वरभोला यादव एवम हजारों शिव भक्तों के द्वारा पूजाअर्चना एवम कथा पाठ श्रवण कर मनाया गया।एवम समस्त शिवभक्तों के लिए शाम तक प्रसाद स्वरूप खीर पुड़ी की विशाल भंडारा आयोजित रही।तथा सुबह से लेकर शाम रात तक गायन वादन का कार्यक्रम प्रगतिरत है।
0 Comments