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छोटे व्यापारियों पर हजारों का चालान.. बड़े पर शून्य.. ये कैसा न्याय है नगर निगम का..? जो छोटे और बड़े का फर्क दिखाता है..?

छोटे व्यापारियों पर हजारों का चालान.. बड़े पर शून्य.. ये कैसा न्याय है नगर निगम का..? जो छोटे और बड़े का फर्क दिखाता है..?

रायगढ़ । रायगढ़ शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर निगम ने चलाया था चालान अभियान जिसमें कई छोटे व्यापारियों का काटा गया था हजारों का चालान। पर बात यही तक सीमित नहीं प्लास्टिक आता है बड़े व्यापारियों के पास से जब की नगम वहा कार्यवाही नही की और ना हुए छापे मारी। कही बड़े व्यापारियों के साथ निगम का कोई साठ-गाठ तो नही क्युकी देखा जाए तो महीनो से बड़े व्यापारियों पर कार्यवाही नही हुई है कार्यवाही होती है तो सिर्फ छोटे व्यापारियों पर। जब की जड़ को ही खतम कर दिया जाए तो प्लास्टिक आयेगी ही नही मार्केट में और ना ही बीकेगी। जब की सिंगल यूज प्लास्टिक खुले आम रायपुर और बिलासपुर से ट्रांसपोर्ट के जरिए आ रहा है जिसपर निगम का ध्यान तक नही है और होगी भी कैसे क्युकी उपर से नीचे तक पूरा साठ-गाठ जो है। यदि अधिकारियों का मिली भगत रहेगा तो कैसे बंद होगा प्लास्टिक क्युकी बात आज और कल की नही यह कार्यवाही सालो से चले आराही है। और हर कार्यवाही पर दिखता है छोटा व्यापारी और बड़े व्यापारी या कहा जाए व्होलेसलर इन पर तो नजर ही नहीं होती और यदि कोई बता दे की यहां प्लास्टिक बड़े मात्रा में है तो बात सुनकर कर देते है अनदेखा। वाह क्या खेल है प्लास्टिक को जितना बेचना है बेचो व्यापारी हम कार्यवाही आपके उपर नही सिर्फ छोटे व्यापारियों पर ही करेंगे। जबकि कार्यवाही आम जनता पर नही होती तब तक यह प्लास्टिक का कारोबार चलता रहेगा। क्युकी जहा प्लास्टिक नही होती वहा ग्राहक नही जाते जिसके कारण व्यापार भी पड़ रहा है ठप। या प्लास्टिक को पूरी तरीके से बंद करवाया जाए या तो कार्यवाही रोका जाए। क्युकी हर रोज यह चालान के कारण व्यापार धीरे धीरे ठप पड़ता जा रहा है। और दुकानदारों का हर रोज नुकसान हो रहा है। ग्राहक का भी यही कहना होता है प्लास्टिक में नही दो है तो हम कही और से समान लेलेंगे। निगम को व्यापारी के उपर कार्यवाही करने के बजाए जिसके हाथ पर दिखे उसपर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे आम जनता प्लास्टिक का नाम लेने से घबराए फिर देखिए कैसे प्लास्टिक अपने आप बंद हो जाएगी और व्यापारी भी नगर निगम का पूर्ण सयोग करेगी। और यदि ऐसा नहीं कर सकती नगर निगम तो प्लास्टिक कभी बंद नहीं हो सकती। वर्ण इस लाचार खेल के कारण व्यापारी परेशान ही होंगे और आगे चलकर व्यापार ही ठप पड़ जायेगा। जिसके बाद यही होगा व्यापारी रास्ते में उतरेंगे और आगे चल कर निगम का घेराव करेंगे।

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