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कोल ट्राँसपोर्टिंग की 25 रूपये प्रति टन के हिसाब से ली गई कमीशन की राशि से लैलूंगा के वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार ने अर्जित की अकूत धन संपत्ती, गंभीर जाँच का विषय !


व्यूरो रिपोर्ट लैलूंगा :- लैलूंगा के वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार कि एक से बढ़ कर एक खुलासे होने लगे हैं । बताया जाता है कि वे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ सहित पूरे क्षेत्र के ट्रांसपोर्टरों के द्वारा मोटी रकम की अटैचियाँ इनके निवास पर पंहुचाई जाती थी । इन तमाम बिन्दु पर अभी तक किसी इनके विरूद्ध आवाज उठाने की जहमत नही की । जहाँ उन्होने लगभग पच्चासों करोड़ रूपये कि लागत से बहुमूल्य भूमि को गोपनीय तरीके से खरीदी कर उसमें महंगी - महंगी अटालिकाएँ व बंगले बनावा कर करोड़ों, अरबों रूपये कि मुवावजा पाने कि नियत से कई करोड़ों रूपये की अवैध रूप से जमा पूंजी को लगाये हैं । जो कि गंभीर जांच का विषय है, क्योंकि क्रय कि गई सभी भूमि कि खरीदी उनके वियधाक के पद रहते हुए खरीदी कि गई है । ऐसे में इतनी मोटी रकम आखिर आई तो आई कहाँ से यह भी एक बड़ा सवाल है ? वहीं आपको यह भी बता दें कि सभी जमीन रायगढ़ जिले तमनार तहसील के ग्राम रोड़ोपाली एवं ग्राम नागरामुड़ा गाँव में लेकर लगभग सभी भूमि में दो मंजिला बंगला बनाकर रखा है । जबकि वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार के परिवार के एक भी सदस्य वहाँ नही रहते हैं ? तो वहाँ पर उन्होने कई करोड़ो रूपये कि बंगला को क्यों खड़ा किया है ? इस बात को लैलूंगा विधान सभा के लैलूंगा, तमनार एवं परिसिमन क्षेत्र कि जनता उनसे सवाल पूछना चाहती है ? गौरतलब हो कि उन्होंने एक जगह पर नही बल्कि कुल पांच जगह पर बेसकिमति जमीन की खरीदी की है ।




उन्होनें ग्राम रोड़ोपाली पटवारी हल्का नम्बर 14 में खरीदी गई भूमि का पहला मामला खसरा नम्बर 62/6 रकबा 0.1010 हेक्टेयर । दूसरा मामला खसरा नम्बर 71/12 रकबा 0.1620 हेक्टेयर । तिसरा मामला खसरा नम्बर 116/8 रकबा 0.0280 हेक्टेयर । ग्राम नागरामुड़ा पटवारी हल्का नम्बर 19 में चौथा मामला खसरा नम्बर 229/17 रकबा 0.0800 हेक्टेर । पांचवाँ मामला खसरा नम्बर 143/7 रकबा 0.0400 हेक्टेयर भूमि लिया गया है । सवाल यहीं से प्रारम्भ होता है, कि रूपये कहाँ से आये और किसके अनुमति से भूमि को क्रय किया गया है ? मालूम हो कि वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार के भाई के बुद्धेश्वर सिंह सिदार पिता स्व. आदित सिंह सिदार निवासी कटकलिया तहसील लैलूंगा जिला रायगढ़ (छ.ग.) के नाम पर दर्ज है । जबकि वह एक शासकीय कर्मचारी उसके पास कहाँ से इतने रूये आये ? आपको जो विदित हो कि विधायक के भाई सांरगढ़ क्षेत्र में बतौर एक शिक्षक केे पद पर पदस्थ हैं । और जहाँ पर यह करोड़ों कि भूमि को खरीदी गई है । वह भारत सरकार के द्वारा कोल ब्लॉक के लिए आबंटित की गई क्षेत्र है। जो कि उस क्षेत्र में अधिसूचना जारी होने के बाद भूमि अधिग्रहण के लिए आवार्ड घोषित हो चुका है । जहाँ भूमि खरीद विक्रय पर रोक लगी हुई है, और आपको यह भी बता दें कि न्यायालय कलेक्टर रायगढ़ एवं न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घरघोड़ा के द्वारा प्रस्तावित एवं अधिग्रहित क्षेत्र कि कुल 14 गाँव महाराष्ट्र पावर जेनरेशन प्रा. लिमिटेड के प्रभावित गाँव के दायरे में है । जिसमें बड़ी महलें बनी हुई है और बन भी रही है । कुछ में अभी भी निर्माण कार्य चल ही रहे हैं, तो वहीं तमनार तहसील के ही ग्राम पंचायत जाँजगीर के आश्रित ग्राम नागरामु़ड़ा गाँव में भी विधायक ने बंगला के ऊपर बंगला बनाये हुए हैं । इस सवाल का जवाब जनता पूछना चाहती है ? जो कि यह मामला बहुत गंभीर तथा संवेदनशील है इसलिए यह गंभीर जाँच का विषय है । जिसे प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार एवं आयकर विभाग सहित निर्वाचन आयोग को स्वत: संज्ञान में लेना चाहिए जो कि जन हित में उचित होगा । अन्यथा क्षेत्र कि भोली भाली जनता आखिर ऐसे लोगों के द्वारा कब तलक खून पसीने की कमाई को लुटाते रहेंगे ।

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