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लगभग 3 करोड़ का घोटाला मन्त्री के संज्ञान में आते ही जांच का आदेश देखिए पूरा खबर



*रायगढ़* कोतरा रोड़ अटल विहार कालोनी में दिनोदिन भ्रष्टाचार का परत खुलते ही जा रहा 3 करोड़ के भ्रष्टाचार में 1 करोड़ तो विभाग द्वारा ही दिया गया था विभाग द्वारा दिये पैसे को अध्यक्ष ने अपने खाते में कैसे लिया यह समझ से परे था उसके बाद एक नई समिति का गठन बिना प्रशासन के संज्ञान के कर भी लिया 50 लाख लिफ्ट रखरखाव के लिए खर्च कर दिए गए जबकि लिफ्ट कार्य ही नही कर रहे,,कई ब्लॉक वाले तो खुद अपने खर्चे से रखरखाव करने लगे है ऐसी दशा में इस करोड़ो के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लोगो ने विभागीय मंत्री ओ पी चौधरी से गुहार लगाई जिसपर मंत्री भी चौकते हुए तत्काल जांच दल बनाकर एक समिति बनवाई और बड़ी कार्यवाही की तरफ इशारा किया| वही एक युवा नेता ने इस संबंध में ट्वीट के माध्यम से कई शिकायतें भी किया और कॉलोनी वासियों की आवाज को पुलिस और प्रशासन तक पहुंचाया,,
*354 का आरोपी सुनील शर्मा भी कॉलोनी में छिपा बैठा है जिसकी शिकायत करने पर भी पुलिस गिरफ्तार नही कर रही*
इस कॉलोनी द्वारा कई बार शिकायत किया जा चुका कि सुनील शर्मा यहां रहता है जो कि 354 का आरोपी है सिटी कोतवाली में कई शिकायतें लंबित है लेकिन पुलिस इसको क्यो गिरफ्तार नही करती यह समझ से परे है
पुलिस की हालत ऐसी है कि एक महिला जो सरेआम अपाहिज युवक को मार रही लेकिन सामने पुलिस के होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही कई शिकायत महिला की भी थाने में लंबित है पर अबूझ पहेली बन चुकी रायगढ़ पुलिस की तत्परता पर सभी को संदेह होने लगा है
इस कालोनी वासियों के तरफ से एक साल से आवाज उठाई जा रही थी अभी इस पर जांच प्रारंभ हुआ है देखना यह है कि इस जांच में दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही क्या होता है
वही शासन और प्रशासन के करोड़ो का भ्रष्टाचार सुनते ही कान खड़े हो गए और आनन फानन में एक जांच समिति का गठन कर दिया गया इन सबमे हाउसिंग बोर्ड और पंजीयक सहकारी संस्था की भूमिका भी पूर्णतया संदेहास्पद है आखिर 2 वर्षो में कई लोगो ने शिकायत किया तो इन लोगो ने जाकर देखा तक नही साथ ही कैसे करोड़ो का घोटाला एक समिति ने चुपके से कर दिया
इसमे विभागीय मिलीभगत से भी इंकार नही किया जा सकता
जब कुछ जागरूक कालोनी वासियों ने हाउसिंग बोर्ड को यह शिकायत किया कि इनके द्वारा 500 रुपए सभी से अवैध तरीके से वसूला जा रहा तो भी कोई कार्यवाही क्यो नही किया गया
जबकि हाउसिंग बोर्ड ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि कॉलोनी के रखरखाव को हाउसिंग बोर्ड द्वारा दिये गए 1 करोड़ रुपये को एफ डी किया जाएगा और उससे मिलने वाले ब्याज के पैसे से किया जाएगा
फिर अवैध वसूली प्रति मकान क्यो किया गया यह समझ से परे है??
उसके अतिरिक्त दूसरे कॉलोनी के रहवासियों को इस कॉलनी से गुजरने का 10 लाख रुपये भी अवैध तरीके से लिया गया इस स्तर पर भ्रष्टाचार होता रहा और दो सालों में प्रशासन और पुलिस भी बेखबर रही
अब जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि वास्तव में कितनी राशि की गड़बड़ी की गई है और क्यो किया गया 
*क्योकि इन दो सालों में अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव और कोषाध्यक्ष ने मकान गाड़ी और ट्रेलर भी खरीद लिया जो संदेह को जन्म देता है*

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