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लैलूँगा विधानसभा में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार...

 


हीरालाल राठिया लैलूंगा 





लैलूंगा :- छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर प्रत्याशियों के द्वारा नामांकन पत्र भरने का अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2023 तक है । ऐसे में यदि बात कि जाये रायगढ़ जिले के लैलूंगा विधान सभा सीट की तो अभी तक लगभग 08 प्रत्याशियों के नाम सामने आये हैं । जहाँ प्रमुख पार्टी भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पार्टी, जोगी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़, बहुजन समाज पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित विभिन्न राजनैतिक दलों ने अपने - अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुके हैं । इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में ताल ठोक चुके हैं । वहीं लैलूंगा विधान सभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है । क्योंकि लैलूंगा विधान सभा से लैलूंगा प्रेस क्लब अध्यक्ष अशोक कुमार भगत ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र जमा किया गया है । अशोक भगत लैलूंगा प्रेस क्लब अध्यक्ष होने के साथ - साथ एक खोजी पत्रकार भी हैं । उनके द्वारा लैलूंगा विधान सभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों की जन समस्याओं को लेकर जनता की हर आवाज को सरकार तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाता रहा है । इस लिहाज से अशोक भगत को लैलूंगा विधान सभा क्षेत्र के लगभग सभी गाँव - गाँव में अच्छी जान पहचान व पकड़ है । आज वे किसी पहचान के मोहताज नही हैं। वे लगातार पिछले 14 -15 सालों से शासन - प्रशासन को जगाने का काम करते आये हैं । जिसके कारण गाँव के लोगों के साथ उनका जबरदस्त पकड़ है । आपको यह भी बता दें कि भाजपा प्रत्याशी सुनीति राठिया और कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी विद्यावती सिदार की तो जनता को इस बार समझ में नहीं रहा है कि आखिर जनता किसे व्होट करेगी । क्योंकि दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने इस बार जनता के मांग के अनुरूप प्रत्याशी घोषित नहीं किया है । जिसके कारण आम जनता और दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त विरोध तथा नाराजगी देखने को मिल रहा है । तो ऐसे में कहीं न कहीं लैलूंगा क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय और तेज तर्रार तथा दबंग युवा पत्रकार भाई अशोक कुमार भगत के चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा और कांग्रेस पार्टी के चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है । सीधे क्षेत्रियता का फायदा अशोक भगत को मिलने की पूरी संभावना है । एक तरफ सुनीति सत्यानंद राठिया को क्षेत्र की जनता पूर्व में दस सालों तक उनके ऊपर विश्वास कर उनकी कार्यप्रणाली को देख चुकी है । वहीं इस बार कांग्रेस पार्टी ने वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार कि टिकिट को काटकर नये प्रत्याशी के रूप में विद्यावती सिदार को चुनाव मैदान में उतारा गया है । तो वहीं कांग्रेस के दबंग एवं प्रखर आदिवासी नेता पूर्व विधायक हृदय राम राठिया जो कि जेसीसीजे से घर वापसी के पश्चात उन्होंने भी टिकिट कि दावेदारी कि थी । उन्हें भी कांग्रेस पार्टी ने टिकिट नही दिया, तो वहीं तमनार क्षेत्र के कई बार के सरपंच दबंग आदिवासी नेता वर्तमान में लघु वनोपज संघ रायगढ़ के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सिदार ने भी टिकिट के लिए दावेदारी की थी । उन्हें भी पार्टी ने टिकिट नही दिया, जिसके कारण स्थानीय कांग्रेस नेताओं के कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों में जबरदस्त विरोध तथा नाराजगी व आक्रोष व्याप्त है । जिससे भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में नाकाम रही है । तो ऐसे में इसका फायदा सीधे निर्दलीय प्रत्याशी अशोक भगत को मिल सकता है । इसमें कोई दो मत नही है, इस तरह कांग्रेस और भाजपा दोनों पर अशोक भगत भारी पड़ सकते हैं । अब यह देखना होगा कि आगामी चुनाव में ऊँट किस करवट लेती है । यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा ।

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