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"कुछ भी हो सकता है": विवेक अग्रवाल का लीडरशिप और वित्तीय स्वतंत्रता पर प्रेरणादायक व्याख्यान हुआ

"कुछ भी हो सकता है": विवेक अग्रवाल का लीडरशिप और वित्तीय स्वतंत्रता पर प्रेरणादायक व्याख्यान हुआ  


रायगढ़, 28 सितंबर। सुप्रसिद्ध कॉर्पोरेट लीडर विवेक अग्रवाल ने लीडरशिप और वित्तीय स्वतंत्रता पर एक प्रभावशाली व्याख्यान दिया। इंडिया सीएसआर द्वारा आयोजित इस वार्ता का उद्देश्य विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए वित्तीय स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करना था, और यह कैसे उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व के साथ तालमेल करके न केवल व्यक्तिगत सफलता बल्कि सामूहिक सामाजिक प्रभाव में भी परिणत हो सकती है। यह कार्यक्रम होटल अंस इंटरनेशनल में आयोजित हुआ।

विवेक अग्रवाल का व्याख्यान ‘कुछ भी हो सकता है’ थीम पर आधारित रहा। उन्होंने जीवन के असीम संभावनाओं पर गहराई से बात की, और प्रतिभागियों को विश्वास कराया कि आज सभी के समक्ष असीम संभावनाएं हैं। प्रतिभागियों ने इस बात को महसूस किया कि कोई भी लक्ष्य बहुत उच्च नहीं है, कोई भी चुनौती अजेय नहीं है, और दृढ़ संकल्प और दृष्टिकोण के साथ वाकई, ‘कुछ भी हो सकता है।’

अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में निम्नलिखित प्रेरणादायक निष्कर्ष प्रस्तुत किए:

सपनों पर ध्यान केंद्रित करें: अग्रवाल ने शिक्षा के महत्व को महसूस कराया, लेकिन छात्रों को उनकी रुचियों, सपनों, और जुनून के आस-पास करियर बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने माता-पिता से उनके बच्चों की यात्रा में निरंतर सहारा और मार्गदर्शन करने की सलाह दी।

स्थिर आय और व्यय: उन्होंने नौकरीपेशा व्यक्तियों से अपनी आय को बढ़ाने और व्यय को कुशलता से प्रबंधित करने पर ध्यान देने का आग्रह किया।

व्यापार में विविधीकरण: उन्होंने आने वाले व्यवसायियों को कोर व्यापार से हटकर अन्य विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, क्योंकि यह लाभकारी रणनीति हो सकती है।

कर्मचारी कल्याण: उन्होंने वर्तमान व्यापारियों से उनके कर्मचारियों को समय पर और संतोषजनक वेतन और सम्मान देने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि मैनपावर संकट से बचा जा सके।

बुद्धिमानी से धन प्रबंधन: धनवान व्यक्तियों को उनके धन का सही उपयोग करने की सलाह दी गई।

विनम्रता और संयम: सबसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह था कि हमें हमेशा विनम्रता से, अहंकार और अभिमान से दूर रहकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि धन तभी काम आएगा जब इसे विनम्रता से प्राप्त किया जाए।

इंडिया सीएसआर के संस्थापक रुसेन कुमार ने बताया कि सभी प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की सराहना की है और इसे अत्यंत उपयोगी और मूल्यवान बताया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को वित्तीय स्वतंत्रता की नवीनतम पहलुओं के बारे में जानकारी देकर मार्गदर्शन करना था, ताकि उन्हें जीवन की विविध पहलुओं में सफलता प्राप्त करने के लिए सजग किया जा सके। कार्यक्रम में रायगढ़ के विद्यार्थी, शिक्षक, बिजनेसमैन, कारोबारी, व्यापारी, पत्रकार एवं पालकगण शामिल हुए।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ओपी जिंदल स्कूल के प्राचार्य शिक्षाविद आरके त्रिवेदी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में शिक्षा, करियर चुनाव, सावधानियों के बारे में महापुरुषों के जीवन प्रसंगों से उदाहरण देकर समझाइश दी।

प्रतिष्ठित सामाजिक व्यक्तित्व सुनील रामदास ने लोगों को धन का सामाजिक महत्व समझाया। वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना सभी के लिए महत्वपूर्ण है और उन्होंने यह भी बताया कि यह स्वतंत्रता कैसे प्राप्त की जा सकती है। सुनील रामदास ने लोगों से आत्मनिर्भर होने, सही निवेश करने और वित्तीय योजना बनाने के लिए प्रेरित किया।

अग्रोहा धाम चैरिटेबल ट्रस्ट रायगढ़ के अध्यक्ष राकेश अग्रवाल एवं रायगढ़ नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन संतोष अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया।

"कुछ भी हो सकता है" सभा के शुभारंभ में 14 वर्षीय शास्त्रीय गायिका और बाल प्रतिभा ख्याति कुमार मिरी ने सरस्वती वन्दनं एवं छत्तीसगढ़ी राज गीत का सुमधुर प्रस्तुति दी।

ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग के प्राध्यापक- डॉ संजय कुमार सिंह ने मंच का अत्यंत प्रभावकारी ढंग से संचालित किया।

लेखक एवं पत्रकार रुसेन कुमार ने अपने स्वागत उद्बोधन में वेख्यान के विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अतिथियों का स्वागत किया एवं सभा के अंत में सम्मानित किया।

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