सरकार की महत्वाकाक्षी योजना अंतर्गत संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल घरघोड़ा के प्राचार्य संजय पंडा को पद से हटाने की मांग फिर उठी है । लगातार स्कूल को विवादों की जद में रखने वाले प्रभारी प्राचार्य संजय पंडा ने इस बार कुर्सी और पद के अहंकार में हद करते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाये जा रहे ओलंपिक खेलों को ही फालतू बताते हुए स्कूल की भागीदारी से साफ इंकार कर दिया ।युवा मितान क्लब के अध्यक्ष के समक्ष प्रभारी प्राचार्य द्वारा शासन की महत्वपूर्ण योजना ओलंपिक को लेकर इस तरह के मनमाने रवैये को लेकर NSUI के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक रजनीकांत तिवारी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के नाम घरघोड़ा विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को पत्र सौंप कर प्राचार्य को पद से हटाने की मांग की गई है । मितान क्लब अध्यक्ष एवं NSUI नेता द्वारा बताया गया कि स्वामी आत्मानंद के प्रभारी प्राचार्य संजय पंडा द्वारा हमेशा शासन की योजनाओं के संचालन को लेकर ना नुकुर किया जाता है वर्तमान ओलंपिक के सम्बंध में भी उन्होंने मेरे समक्ष ओलंपिक को फालतू बताते हुए स्कूल की सहभागिता से साफ इंकार लर दिया । पद के मद में चूर प्राचार्य महोदय द्वारा शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं को फालतू बताते हुए अपनी मनमानी करना कोई नई बात नही है ।
पहले भी विवादों में रहे प्रभारी प्राचार्य, आखिर कब होगी कार्यवाही
स्वामी आत्मानंद स्कूल घरघोड़ा के प्राचार्य संजय पंडा जो मूल रूप से व्याख्याता हैं के द्वारा आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य का प्रभार मिलने के बाद से लगातार व्यवस्था संचालन में फिसड्डी साबित हुए हैं । इन पर गाहे बगाहे एडमिशन में धांधली,पाइप तोड़ने पर बच्चों से पैसे की मांग,अपने लोगों को शह देने और स्कूल को किसी निजी फर्म की तरह संचालित करने का आरोप लगता रहा है । इतने आरोप और शिकायतो के बाद भी मलाईदार कुर्सी में प्राचार्य पंडा का जमे रहना किसी के गले नही उतर रहा ।इस बार पुनः प्रभारी प्राचार्य की हुई शिकायत पर प्रशासन कितनी गम्भीरता दिखाता है ये देखने वाली बात होगी ।
प्राचार्य हटाओ या होगा आंदोलन
पत्र में सीधे शब्दों में प्रभारी प्राचार्य संजय पंडा के शासन विरोधी एवं व्यवस्था विरोधी गतिविधियों पर कार्यवाही की मांग करते हुए पद से हटाने एवं किसी रेगुलर व अनुभवी प्राचार्य को आत्मानंद में पदस्थ करने की मांग की गई है । कार्यवाही न होने की दशा में प्राचार्य को हटाने को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी गयी है । अब देखना होगा कि हमेशा स्कूल को विवादों में फंसाने वाले प्रभारी प्राचार्य पंडा पर प्रशासन कितनी सख्ती दिखाता है ।
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