*वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पांच तथ्यात्मक सवाल पूछकर वित्त मंत्री के दावों को खारिज किया*
खरसिया, 07 सितंबर 2025। खरसिया में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) निर्माण को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। हाल ही में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने खरसिया में सभा के अवसर पर मंच से उद्बोधन देते हुए कहा कि आरओबी भाजपा की देन है और कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना पर एक ईंट भी नहीं लगाई। भाजपा पार्टी ने उनके इस बयान को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा भी किया। ओपी चौधरी के इस वक्तव्य पर खरसिया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखदेव डनसेना, नेत्रानंद पटेल एवं अभय मोहंती ने संयुक्त बयान जारी कर पलटवार करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी का बयान और दावा पूरी तरह असत्य और भ्रामक है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आरओबी परियोजना कांग्रेस शासनकाल में स्वीकृत हुई थी और उमेश पटेल के मंत्री रहते ही इसकी सभी औपचारिकताएँ पूरी कर ली गई थीं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आरओबी की प्रशासनिक स्वीकृति आदेश, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा वितरण, स्थल निरीक्षण, डिज़ाइनिंग एवं टेंडर जैसी सभी प्रक्रियाएँ कांग्रेस सरकार के दौरान ही संपन्न हो चुकी थीं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास किया था। कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि – “जब सारी तैयारी कांग्रेस शासनकाल में पूरी हो गई थी, तो भाजपा किस आधार पर आरओबी बनाने का श्रेय लेने का प्रयास कर रही है?”
कांग्रेस नेताओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से पाँच सवालों के तथ्यात्मक उत्तर मांगे हैं –
1. आरओबी बनाए जाने के लिए आदेश कब स्वीकृत हुआ?
2. आरओबी के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा कब दिया गया था?
3. स्थल निरीक्षण और डिज़ाइनिंग कब हुई थी?
4. ठेकेदार का टेंडर कब स्वीकृत हुआ?
5. सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री का वर्चुअल शिलान्यास क्या गलती से हुआ था या भाजपा के झूठे प्रचार का हिस्सा था?
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इन सवालों के तथ्यात्मक उत्तर भाजपा और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के पास नहीं हैं, क्योंकि पूरी प्रक्रिया कांग्रेस सरकार के समय ही पूरी की जा चुकी थी।
आगे सुखदेव डनसेना, नेत्रानंद पटेल और अभय मोहंती ने ओपी चौधरी को खुली चुनौती देते हुए कहा – “अगर वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी अपने दावे को सही मानते हैं तो जनता के सामने खुले मंच पर बहस करें, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके, अन्यथा झूठा प्रचार कर जनता को गुमराह करना बंद करें।”
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना के चलते शुरुआती दो वर्षों तक इस परियोजना को वित्त विभाग में अटका कर रखा और ओवरब्रिज की जगह अंडरब्रिज बनाने की कोशिश की। इससे उनकी नीयत एवं नियति स्पष्ट होती है कि भाजपा विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की बजाय पटरी से उतारना चाहती थी।
सुखदेव डनसेना, नेत्रानंद पटेल और अभय मोहंती ने स्पष्ट किया कि खरसिया का वास्तविक विकास केवल कांग्रेस के नेतृत्व में हुआ है। उमेश पटेल ने मंत्री रहते हुए क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएँ शुरू कीं और आरओबी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में भी खरसिया की जनता को वास्तविक विकास कार्य कांग्रेस ही देगी, जबकि भाजपा का एजेंडा विकास नहीं, बल्कि राजनीतिक दुर्भावनावश झूठ और भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करना हमेशा से रहा है। खरसिया क्षेत्र की जनता उनके प्रपोगेंडा को अच्छी तरह जानती और समझती है।
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